supreme court decision : बहन की ससुराली संपत्ति में भाई के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्णय

My job alarm – (Property Knowledge): आमतौर पर पिता-बेटे, भाई-बहन या पति-पत्नी के आपसी संपत्ति विवाद ही ज्यादा देखने को मिलते हैं, लेकिन इनके अलावा भी कई मामले ऐसे होते हैं जहां कोई अन्य व्यक्ति या महिला संपत्ति पर अपना अधिकार जताते हुए कोर्ट तक पहुंच जाते हैं। प्रोपर्टी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला (Supreme Court Decision in property Rights) आया है।

मामले के अनुसार अपनी बहन की ससुराली संपत्ति में भाई ने अधिकार जताया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए फैसला सुनाकर सब कुछ क्लियर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम के प्रावधानों (provisions of the Hindu Succession Act) का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है। 

हाईकोर्ट को फैसले को रखा सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि शादी के बाद किसी भी महिला को अपने पति से विरासत में मिली संपत्ति पर उसका भाई  (Brother’s rights in sister’s property) हक नहीं जमा सकता है। कानून के अनुसार धारा 15 में भी यह स्पष्ट कहा गया है कि पति और ससुर से विरासत में मिली संपत्ति ससुर या पति के उत्तराधिकारियों को मिलेगी। शीर्ष अदालत ने इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand Highcourt)के मार्च 2015 में दिए गए फैसले को बरकरार रखा है। साथ ही इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले की याचिका को खारिज कर दिया है।

यह है पूरा मामला

संपत्ति का एक ऐसा ही मामला हाल ही का है। यह मामला देहरादून की एक संपत्ति पर (right on property)अनधिकृत कब्जा करने वाले उस व्यक्ति से जुड़ा हुआ है जिसने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। इस मामले में यह जायदाद उसकी बहन के ससुराल वालों की थी जिस पर वह किराएदार के रूप में रहती थी। कोर्ट के अनुसार इस प्रोपर्टी (bahan ki sasural ki property par bhai ka hak) को महिला के ससुर द्वारा काफी पहले पट्टे पर लिया गया था। इसके बाद महिला का पति वहां किराये पर रहने लगा था। पति की मृत्यु के बाद महिला किरायेदार के रूप में रह रही थी। किराए पर रहने के दौरान ही उसकी बहन की भी बाद में मृत्यु हो गई थी। 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह फैसला 

सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में साफ तौर पर कहा है कि बहन की मृत्यु के बाद अगर उनकी कोई संतान नहीं है तो हिंदू उत्तराधिकारी कानून की धारा 15 (2) (बी) के अनुसार(Section 15(2)(b) of Hindu Succession Act), जायदाद का पट्टा उनके पति के वारिस के पास स्थानांतरित होगी। इस मामले में मृतक महिला के भाई और परिवार वालों को उस परिवार का सदस्य नहीं माना जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि कानून के तहत बहन के घरवाले या भाई उनके घर के न तो वारिस  हैं और ना ही परिवार है। इसलिए बहन की ससुराली संपत्ति (supreme court decision on property) पर उसका कोई हक नहीं है।

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