Property Registration : महिला के नाम प्रोपर्टी रजिस्टर कराना है फायदे का सौदा, होगी लाखों की बचत

My job alarm –  (Property registraion rules)  जमीन और घर खरीदना कोई छोटी मोटी बात नही है। लोगों की पूरी जीवनपूंजी इसमें खर्च हो जाती है फिर भी मुश्किल से पूरे पैसे जुड़ते है। इसके लिए व्यक्ति लोन का भी सहारा लेते (Home loan) है। ये जीवन का सबसे बड़ा निवेश होता है। इसमें लोग अकसर बचत करने का तो सोचते है लेकिन जानकारी के अभाव में ऐसा नही कर पाते है। सिर्फ जमीन खरीद (property purchase knowledge) से कुछ नही होता है इसकी रजिस्ट्री कराना बड़ा और महत्वपूर्ण काम होता है। अगर बात करें जमीन की रजिस्ट्री की तो ये  कराना बड़ा काम होता है। इसमें कई तरह की लिखा-पढ़ी होती है। 

कितना होता है प्रोपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्ज

जमीन खरीदने वालों को ये मालूम होना चाहिए कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पर आपको तगड़ा चार्ज भी देना होता है। यह चार्ज प्रॉपर्टी की कुल रकम का 5-7 परसेंट तर हो सकता (Land Purchase rules) है। उदाहरण की सहायता से बता दें कि मान लो अगर आप 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन (Property registraion) कराने जा रहे हैं, तो आप कुछ आसान तरीके से 2-5 लाख से 3.5  लाख रुपये तक बचा सकते हैं। घर खरीदने के पूरे बजट का सबसे अधिक पैसा रजिस्ट्री पर ही खर्च (property registarion expenses in India) होता है। अगर इसमें कुछ पैसे बच जाएं, तो आपके लिए ये प्लस पॉइंट होगा।

घर या जमीन की खरीदारी का प्लान करने से पहले आपको अपने बजट को चेक करना होता है कि क्या आप प्रोपर्टी खरीदने के योग्य है भी या नही। पहले बजट निर्धारित करना बेहद जरूरी काम होता है। क्योंकि बजट का सबसे अधिक पैसा रजिस्ट्री में खर्च हो जाता (land registry charges) है। आप भी अगर मकान या जमीन की रजिस्ट्री कराने की तैयारी में हैं, तो इससे पहले आपको कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए। मकान या जमीन की रजिस्ट्री कराते समय प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्ज (property registration charge in India) को आप कैसे कम कर सकती हैं चलिए आपको बताते हैं।

इस तरीके से करें रजिस्ट्री चार्ज का भुगतान

सबसे पहले तो आपको ये जान लेना जरूरी हे कि प्रोपर्टी के रेट कैसे तय किए जाते है। इसलिए आपको बता दें कि किसी भी राज्य में प्रोपर्टी के रेट उनके सर्किल रेट के आधार पर तय किए जाते है। सर्किल रेट (what is circle rate) सरकार को अलग-अलग इलाकों के लिए संपत्ति की दरें निर्धारित करने में मदद करता है। सर्किल रेट, किसी संपत्ति की बिक्री या हस्तांतरण के लिए तय न्यूनतम मूल्य होता है। अब हम आपको ये बता दें कि किसी प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू (Market value of property) तब कम होती है, जब सर्किल रेट अधिक होता है। आप रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार से अपील करके स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) पर खर्च बचा सकती हैं।

आपको बता दें कि स्टेट स्टांप एक्ट के तहत इसका प्रावधान किया गया है। साथ ही आप इस बात का भी ध्यान रखें कि रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार आपके मामले को डीसी के पास भेजता है, जो मार्केट वैल्यू के हिसाब से स्टांप ड्यूटी का आकलन (stamp duty assessment) करता है और अगर आप खरीदार हैं, तो आपको स्टांप ड्यूटी में बचत का फायदा (Benefit of saving in stamp duty) मिलेगा।

चेक कर लें पॉवर ऑफ अटॉर्नी 

अगर आपने जमीन खरीदी है तो आपको इस बात का जरूर पता होगा कि प्रोपर्टी की सेल पॉवर ऑफ अटॉर्नी (what is power of attorney) के जरिये की जाती है। इससे होता क्या है कि आपके साथ धोखाधड़ी की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। आपके साथ ऐसा न हो इसके लिए आपको काफी चौकन्ना रहने की जरूरत है। प्रोपर्टी एक्स्पर्ट (property experts in India) का भी यही कहना है कि आपको यह जानकारी लेनी चाहिए कि आपको वही प्रॉपर्टी बेची जा रही जिसका उल्लेख पॉवर ऑफ अटॉर्नी में है। इसके अलावा, आपको जमीन से जुड़े हुए सभी डॉक्यूमेंट्स चेक (property documents inspection) करने चाहिए। आपको एक-एक जानकारी को बारीकी से जांचना बेहद जरूरी है। 

महिला खरीदारों को मिलती है खास छूट

प्रोपर्टी की डील में और ज्यादा बचत करना चाहते है तो आपको ये मालूम होना चाहिए कि महिलाओं को इस मामले में ज्यादा छूट प्रदान की जाती है। महिलाओं के नाम पर प्रोपर्टी खरीदना आपके लिए काफी फायदे का सौदा हो सकता है। किसी प्रॉपर्टी की खरीदारी में जॉइंट या सिंगल परचेज (Joint or single purchase of property) में महिला अगर शामिल होती है, तो कई राज्य स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज में छूट देते हैं।

जानकारी के अनुसार इन राज्यों में हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और यूपी भी इन राज्यों में शामिल हैं। रजिस्ट्री चार्ज की अगर बात करें तो दिल्ली सरकार के अनुसार, कोई जमीन पुरुष के नाम सेरजिस्टर हो, तो उस पर 6 प्रतिशत और महिला के नाम से 4 प्रतिशत रजिस्ट्री चार्ज देना होता है। इसके साथ ही, रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन (Residential property registration charges) पर होने वाले खर्च पर साल में अधिक से अधिक 1.5 लाख टैक्स बचा सकती हैं।

ऊपर लिखित सारी बातें आपको जमीन की रिजर्स्टी (land registery rules) कराने से पूर्व मालूम होनी बेहद आवश्यक है। इससे आपकी बचत तो होगी ही साथ ही आप धोखाधड़ी के शिकार होने से भी बच सकते है।

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