property knowledge : आपके घर में आ गई है पड़ोसी के पेड़ की टहनियां, क्या माना जाएगा अतिक्रमण, जानिये कानून
My job alarm – (property law in india) हमारे देश में संपत्ति को लेकर साफ और स्पष्ट कानून तय है। खुद की संपत्ति (self aquired property) पर व्यक्ति चाहे कुछ भी कर सकता है क्योंकि उस संपत्ति पर केवल उसका अधिकार होता है लेकिन देश के कानून के अनुसार हम किसी और की संपत्ति को प्रभावित नही कर सकते है। अपने घर या प्लाट का मनचाहा इस्तेमाल बिना किसी व्यवधान के हर कोई करना चाहता है। लेकिन, बगल में बना मकान या पड़ोसी के घर में लगा पेड़ आपकी प्रॉपर्टी को हानि पहुंचाता है या असुविधा पैदा करता है। अगर आपके पड़ोसी के घर या प्लाट में लगे पेड़ की टहनियां या शाखाएं से आपको असुविधा हो रही है या आप अपनी प्रॉपर्टी में निर्माण (property construction rules) नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसे में आप पेड़ की कटाई-छंटाई (tree trimming rules in India) करा सकते हैं। अगर कोई पेड़ आपके जान या माल के लिए गंभीर खतरा बन गया है तो उसे आप कटवा भी सकते हैं।
लेकिन हां, ऐसा नही है कि आप इसे अपने स्तर पर ही करा सकते है। इसके लिए आपको कानून (Indian law) का सहारा लेना ही पड़ेगा। बिना कानूनी हस्तक्षेप के आप ऐसा न ही करें तो आपके लिए अचछा होगा। इसके लिए आपको कानूनी रास्ता अपनाना होगा। कानून की आवश्यक मंजूरी के बाद ही आप ऐसा कर सकते हैं। और इससे आप कानूनी पचड़ो से भी बच जाएंगे।
वैसे ये तो आप जानते ही है कि घर, मकान या प्लाट को अचल संपत्ति माना (Immovable Property law and rights) माना गया है। अचल संपत्ति का मतलब ऐसी संपत्ति से है जिसे दूसरी जगह स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। आपकी अचल संपत्ति में कोई भी व्यक्ति न दखल दे सकता है और न ही किसी भी तरह से अतिक्रमण कर सकता है। खास बात यह है कि जो संपत्ति आपके पास है, उस भूखंड पर ही नहीं बल्कि उसके ऊपर के हवाई क्षेत्र (property rights in India) पर भी आपका अधिकार है।
अगर पड़ोसी के पेड़ से हो दिक्कत तो क्या करें?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर आपके पड़ोसी के घर में या प्लाट में लगे पेड़ की वजह से आप अपनी अचल संपत्ति (Immovable property law) के इस्तेमाल करने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो उस समस्या का निराकरण कराना आपका अधिकार है। कई बार ऐसा होता है कि पेड़ की शाखाएं या टहनियां, दूसरे घर की ओर झुक जाती हैं। ऐसी स्थिति में इसे अचल संपत्ति में अतिक्रमण (encroachment on real estate) माना जाता है।
ऐसे ही मामले पर एडवोकेट विवेक कादयान के मुताबिक, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने इंद्राचंद जाजू वर्सेज द सब डिविजनल ऑफिसर, जोराहट के मामले में कहा है कि अचल संपत्ति में मालिक का मालिकाना हक भूमि, भूमि के नीचे, सतह पर और उस जगह के हवाई क्षेत्र (Air Space of land) पर भी होता है। अगर कोई किसी की अचल संपत्ति के हवाई क्षेत्र का भी उल्लंघन करता है, तो वह भी अतिक्रमण श्रेणी में आता है। इस मामले में एक व्यक्ति ने अपने मकान का पर एक छज्जा बनाया था, जो कि वादी की संपत्ति के ऊपर जा रहा था।
मद्रास उच्च न्यायालय ने बैचा रोथर बनाम अलगप्पन सेरवई (Batcha Rowther v। Alagappan Servai, AIR 1959 Mad 12) मामले में कहा कि किसी पेड़ के मालिक को यह अधिकार नहीं है कि वह अपनी शाखाओं को अपने पड़ोसी के घर में लटकने दे। यदि ऐसा हो रहा है तो पड़ोसी पेड़ के मालिक की भूमि (tree owner’s land dispute) में प्रवेश किए बिना (अगर संभव है तो) शाखाओं को काट सकता है।
पेड़ काटने के लिए चाहिए होगी अनुमति?
मान लो कि पड़ोसी का पेड़ अगर आपकी संपत्ति पर अतिक्रमण कर रहा है तो उस पेड़ की कटाई-छंटाई करने या काटने के लिए आपको स्थानीय निकाय को अर्जी देनी होगी। इसमें आपको पेड़ की स्थिति और उससे उत्पन्न समस्या का पूर्ण विवरण देना होगा। ऐसे ही मामले पर अगर हम नई दिल्ली की बात करें, तो यहां पर पेड़ को काटने या उसकी टहनियों को छांटने के लिए आपको दिल्ली प्रिजर्वेशन ऑफ ट्रीज एक्ट (Delhi Preservation of Trees Act), 1994 में वर्णित प्रक्रिया का पालन करना होगा।
इसके लिए आपको एक पूरी प्रक्रिया को फॉलो करने की जरूरत है। आपकी संपत्ति में अतिक्रमण कर रहा पेड़ सरकारी जमीन पर हो या निजी, आपको पहले अपने एरिया के डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फोरेस्ट (Deputy Conservator of Forest) के पास फॉर्म ‘बी’ भरकर आवेदन करना होगा। आवेदन में आपको पेड़ से पैदा संकटर, पेड़ की लोकेशन और पेड़ का फोटो भी देना होगा। आवेदन देने के 2 महीने के भीतर आपको पेड़ की कटाई-छंटाई की अनुमति (Permission to cut and prune trees) मिल जाएगी।
अनुमति के बाद भी पेड़ न काटने पड़ोसी करें इंकार तो क्या…
आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि स्थानीय निकाय से अनुमति के बाद भी अगर पड़ोसी आपको आपकी ओर आई पेड़ की टहनियों या शाखाओं को काटने (cutting tree trunks or branches is illegal) से मना कर देता है, तो आप पुलिस में शिकायत दे सकते हैं। क्योंकि, पेड़ द्वारा उत्पन्न हुई बाधा, आपकी अचल संपत्ति में अतिक्रमण है, इसलिए आप इसे हटाने को कोर्ट में वाद भी दायर कर सकते हैं।
अगर गंभीर खतरा है तो तुरंत करें कार्रवाई
मान लों कि अगर किसी के घर में लगे पेड़ से आपकी जान और माल को गंभीर खतरा है, तो इस स्थिति में स्थानीय प्रशासन उस वृक्ष को तुरंत हटवा सकता है। पेड़ गिरने वाला है या उसकी शाखाओं के टूटने का बहुत ज्यादा खतरा है तो ऐसी स्थिति में प्रशासन सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई (Indian law on tree cutting) करता है। इससे आपकी समस्या का निवारण हो जाएगा।
इस पर सीआरपीसी की धारा (crpc section) 133 के अनुसार, किसी भी इमारत, पेड़ या संरचना (स्ट्रक्चर) के गिरने और नुकसान होने की संभावना है, और इसलिए ऐसी इमारत, पेड़ या संरचना की मरम्मत करना, उसको हटाना या उसको सहारा देना आवश्यक हो जाता है तो एक जिला मजिस्ट्रेट, एक उप-मंडल (सब डिविजनल) मजिस्ट्रेट या यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट किसी भी अन्य कार्यकारी (एग्जिक्यूटिव) मजिस्ट्रेट ऐसा करने का आदेश (orders related to propery law) दे सकता है।
Punjab, Ludhiana, Jalandhar, Amritsar, Patiala, Sangrur, Gurdaspur, Pathankot, Hoshiarpur, Tarn Taran, Firozpur, Fatehgarh Sahib, Faridkot, Moga, Bathinda, Rupnagar, Kapurthala, Badnala, Ambala,Uttar Pradesh, Agra, Bareilly, Banaras, Kashi, Lucknow, Moradabad, Kanpur, Varanasi, Gorakhpur, Bihar, Muzaffarpur, East Champaran, Kanpur, Darbhanga, Samastipur, Nalanda, Patna, Muzaffarpur, Jehanabad, Patna, Nalanda, Araria, Arwal, Aurangabad, Katihar, Kishanganj, Kaimur, Khagaria, Gaya, Gopalganj, Jamui, Jehanabad, Nawada, West Champaran, Purnia, East Champaran, Buxar, Banka, Begusarai, Bhagalpur, Bhojpur, Madhubani, Madhepura, Munger, Rohtas, Lakhisarai, Vaishali, Sheohar, Sheikhpura, Samastipur, Saharsa, Saran, Sitamarhi, Siwan, Supaul,Gujarat, Ahmedabad, Vadodara, Surat, Rajkot, Vadodara, Junagadh, Anand, Jamnagar, Gir Somnath, Mehsana, Kutch, Sabarkantha, Amreli, Kheda, Rajkot, Bhavnagar, Aravalli, Dahod, Banaskantha, Gandhinagar, Bhavnagar, Jamnagar, Valsad, Bharuch , Mahisagar, Patan, Gandhinagar, Navsari, Porbandar, Narmada, Surendranagar, Chhota Udaipur, Tapi, Morbi, Botad, Dang, Rajasthan, Jaipur, Alwar, Udaipur, Kota, Jodhpur, Jaisalmer, Sikar, Jhunjhunu, Sri Ganganagar, Barmer, Hanumangarh, Ajmer, Pali, Bharatpur, Bikaner, Churu, Chittorgarh, Rajsamand, Nagaur, Bhilwara, Tonk, Dausa, Dungarpur, Jhalawar, Banswara, Pratapgarh, Sirohi, Bundi, Baran, Sawai Madhopur, Karauli, Dholpur, Jalore,Haryana, Gurugram, Faridabad, Sonipat, Hisar, Ambala, Karnal, Panipat, Rohtak, Rewari, Panchkula, Kurukshetra, Yamunanagar, Sirsa, Mahendragarh, Bhiwani, Jhajjar, Palwal, Fatehabad, Kaithal, Jind, Nuh, बिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, कानपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा, पटना, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पटना, नालंदा, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, कैमूर, खगड़िया, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बक्सर, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, शिवहर, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सारण सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, बिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, कानपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा, पटना, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पटना, नालंदा, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, कैमूर, खगड़िया, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बक्सर, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, शिवहर, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सारण सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल,