Nitin Gadkari का बड़ा ऐलान, महज 2 घंटे में होगा दिल्ली से देहरादून का सफर

My job alarm – दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) के शुरू होने की उम्मीद जगी है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) ने पूर्वानुमान जताते हुए कहा कि इस एक्सप्रेसवे का निर्माण अगले तीन महीनों में पूरा हो जाएगा. इससे दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा का समय लगभग दो घंटे रह जाएगा, जो वर्तमान में पांच से छह घंटे है. यह परियोजना न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि आर्थिक विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी. इसके साथ ही समय की बचत से यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी.

गडकरी ने एक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) का निर्माण दो महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है. एक्सप्रेस-वे के पूरा होने से दोनों महानगरों के बीच यात्रा का समय मौजूदा 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाने की उम्मीद है. मंत्री ने कहा कि दिल्ली-देहरादून राजमार्ग परियोजना (Delhi-Dehradun Highway Project) के दो पैकेज हैं. 

गडकरी ने जानकारी दी है कि दिल्ली के कालिंदी कुंज (Kalindi Kunj, Delhi) के लिए 10,000 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी मिली है, जो फरीदाबाद तक विस्तारित होगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narender Modi) इस परियोजना का उद्घाटन अगले 15-20 दिनों में करेंगे. मोदी सरकार (Modi Government) का उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना, जीवाश्म ईंधन का आयात घटाना और कृषि आय में वृद्धि करना है. यह परियोजना इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी, जिससे पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.

गडकरी ने आगे कहा कि परिवहन मंत्रालय वायु प्रदूषण (transport ministry air pollution) के 40 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है. जबकि प्रदूषण का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्यों- पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण है. सड़क निर्माण और जीवाश्म ईंधन भी वार्षिक समस्या को बढ़ाने में योगदान देते हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पराली जलाने की समस्या दो साल में हल हो जाएगी क्योंकि सरकार 400 परियोजनाओं पर काम कर रही है जो हर साल दो करोड़ टन चावल के भूसे को वैकल्पिक ईंधन में परिवर्तित करेगी. गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय 36 हरित एक्सप्रेस हाईवे पर काम कर रहा है, जिससे देश में लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि भारत की लॉजिस्टिक लागत 14-16 प्रतिशत है, जबकि चीन में यह आठ प्रतिशत और अमेरिका तथा यूरोपीय संघ (ईयू) में 12 प्रतिशत है. हमारा लक्ष्य इसे दो वर्षों में घटाकर नौ प्रतिशत पर लाना है. मंत्री ने कहा कि इससे भारत का निर्यात 1.5 गुना बढ़ जाएगा और हमें अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी. 

भारत में सड़क दुर्घटनाएं चिंताजनक स्तर पर बढ़ रही हैं, जिससे गडकरी के अनुसार देश दुनिया में पहले स्थान पर है. हर साल लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें करीब 1,78,000 लोग जान गंवाते हैं. इन दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में खराब सड़कें, कानून का कमजोर क्रियान्वयन और समाज में शिक्षा व जागरूकता की कमी शामिल है. गडकरी ने इस मुद्दे की गंभीरता को पहचानते हुए सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि सड़क सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके और जानमाल के नुकसान को कम किया जा सके.

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