RBI के इस फैसले से लोन धारकों को मिलेगा फायदा, 30 लाख के Home Loan पर घट जाएगी 1,10,400 तक EMI
My job alarm- (RBI Update on home loan) RBI देशभर के बैंकों और कस्टमर्स के लिए जरूरत पड़ने पर नई गाइडलाइन व दिशानिर्देश देता है। इसके अलावा बैंकिंग व्यवस्था (banking system) को पारदर्शी बनाने व सुदृढ़ करने के लिए अपने स्तर पर कई तरह के अहम निर्णय भी लेता है। इनका कभी बैंक तो कभी ग्राहक को फायदा मिलता है। इस समय पर आरबीआई की ओर से लिया गया एक फैसला लोन धारकों के लिए राहत लेकर आएगा। यह निर्णय होम लोन (home loan) लेने वालों की EMI कम होने से संबंधित है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बार में।
रेपो रेट का पड़ेगा लोन इएमआई पर प्रभाव-
RBI की ओर से मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) में जल्द ही बदलाव किये जा सकते हैं। RBI मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर 6 दिसंबर को ऐलान किया जा सकता है। पॉलिसी के तहत रेपो रेट (Repo rate) में भी कटौती की जा सकती है। अगर आरबीआई के द्वारा रेपो रेट (RBI repo rate cut) में कटौती कर दी जाती है तो इससे लोन लेने वाले व्यक्ति को काफी फायदा हो सकता है।
माना जा रहा है कि इस बार RBI रेपो रेट में 25 बेसिक प्वाइंट (0.25%) तक की कटौती कर सकता है। अगर फिलहाल के रेपो रेट (RBI repo rate cut impact on home loan) के बारे में बात करें तो फिलहाल 6.50 फिसदी रेपो रेट चल रहा है। RBI के इस फैसला से आपको काफी फायदा हो सकता है। अगर RBI की ओर से रेपो रेट में कटौती कर दी जाती है तो इसका सीधा प्रभाव आपकी Loan EMI पर पड़ने वाला है।
जानिये कैसे असर डालती है रेपो रेट-
जानकारी के लिए बता दें कि रेपो रेट वो ब्याज दर होता है जिसके आधार पर RBI की ओर से बैंकों को कर्ज दिया जाता है। जब रेपो रेटों में गिरावट आती है तो इसका असर बैंक पर भी पड़ता है। रेपो रेट की वजह से आपको सस्ता कर्ज प्राप्त हो सकता है। इसकी वजह से आपकी EMI (Home loan EMI reduction) पर भी प्रभाव देखने को मिल जाता है।
इस उदाहरण से समझ सकते हैं बात-
उदाहरण के तौर पर अगर आपने कोई होम लोन लिया है जिसकी मौजूदा राशि 30 लाख रुपये हैं और उस लोन पर आपको बैंक 8.50 फिसदी के आधार पर ब्याज दर लगा रहा है। इस लोन (home loan emi) की अवधि अगर 20 साल हैं जिसके तहत आप हर माह 25,846 रुपये की किस्त दें रहे हैं। ऐसे में अगर RBI की ओर से रेपो रेट में 0.25 फिसदी (0.25% repo rate cut effect) की कटौती की जाती है तो बैंक और ब्याज दर को 8.25 प्रतिशत कर दिया जाता है तो आपकी लोन की किस्तों में भी बदलाव होगा रेपो रेट (rbi repo rate) के बदल जाने के बाद आपकी हर महीने की किस्त 25,386 रुपये हो जाएगी जोकि पिछली लोन के मुताबिक 460 रुपये कम है। अगर आप हर महीने 460 रुपये बचाते हैं तो आप 20 साल में 1,10,400 रुपये तक की बचत कर सकते हैं।
इस तरीके से जल्द पाएं लोन से छुटकारा-
अगर आप लोन से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको हर साल प्रिपेमेंट करनी शुरू कर देनी चाहिए। अगर आपके पास कोई बोनस, टैक्स रिफंड, या अतिरिक्त बचत हो, तो इसे अपने लोन पर लगाएं। ऐसे करने से आपकी लोन (How to pay off home loan early) अवधि भी कम होगी और आप ब्याज दर में भी गिरावट देखने को मिलेगी। इसके अलावा अगर आपकी आय का स्त्रोत बढ़ गया हैं तो आप किस्तों को भी बढ़ा सकते हैं और अपने लोन को भी काफी आसानी से भर सकते हैं।
स्मार्ट बजट प्लान बनाकर पाएं कर्ज से मुक्ति-
अगर आपके ऊपर कोई लोन चल रहा है तो आपको एक स्मार्ट बजट बना लेना चाहिए। इसके तहत आपको अपने फिजूल खर्चों पर रोक लगानी चाहिए और आपनी बचत को लोन प्रीपेमेंट (Home loan prepayment tips) में लगाना चाहिए। इससे आपके कर्ज की अवधि कम होगी और ब्याज पर बड़ी बचत होगी। अगर आपको कोई और बैंक कम ब्याज दर पर लोन ऑफर कर रहा है तो आपक अपने लोन को भी ट्रांसफर करा सकते हैं। लेकिन लोन ट्रांसफर कराने से पहले इसकी प्रोसेसिंग फीस और अन्य खर्चों का ध्यान रखें।
होम लोन को जल्दी चुकाने से होगा लाभ-
अगर आप लोन (EMI savings after repo rate cut) का भुगतान जल्दी कर देते हैं तो आप काफी जल्दी कर्ज से भी मुक्ति पा सकते हैं। वहीं इससे आपका ब्याज भी बच सकता है। लंबे समय तक लोन रखने से ब्याज ज्यादा हो जाता है। इसके अलावा अगर आप कर्ज से मुक्ति पा लेते हैं तो आप फाइनेंशियल सिक्योरिटी (financial security) पा सकते हैं और अपने पैसों को निवेश भी कर सकते हैं। लोन खत्म हो जाने के बाद आप अपनी बचत को दूसरे फायदेमंद निवेश में लगा सकते हैं।
मॉनेटरी पॉलिसी की इस दिन हो होगी मिटिंग-
फिलहाल आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटोती को लेकर कोई ऐलान नहीं किया है। लेकिन लोगों को इंतजार हैं कि RBI रेपो रेट में कटौती करता है या नहीं। आरबीआई रेपो रेट (RBI monetary policy impact on loans) में कटोती को लेकर फैसला 6 दिसंबर को मॉनेटरी पॉलिसी के आउटकम से होगा। अगर आरबीआई रेपो रेट में गिरावट हो सकती है। इसका असर आपके होम लोन की EMI पर देखने को मिल सकता है।
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