Property खरीद रहे हैं तो जरूर चेक कर लें ये डॉक्यूमेंट, वरना लगाते रहेंगे कोर्ट-कचहरी के चक्कर

My job alarm – (Property latest news) अब देश लगातार तरक्की की ओर अग्रसर हो रहा है। अब हाल ही में शहरों में फ्लैट व अपार्टमेंट कल्चर काफी तेजी से लोकप्रिय हुआ है। यह किसी भी व्यक्ति के जीवन का बड़ा सौदा होता है, लेकिन प्रोपर्टी खरीदते समय या उसमें इन्वेस्टमेंट करते समय आपके लिए संपत्ति से जुड़ी जानकारियां जुटाना बहुत जरूरी हो जाता है। अगर इन पर ध्यान नहीं दिया जाए तो घर खरीदार (property buying Tips) को काफी नुकसान हो जाता है।आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।

 

 

ऐसे करें संपत्ति के मालिकाना हक की पुष्टि-

इन दस्तावेजों में से सबसे जरूरी दस्तावेज है टाइटल डीड (title deeds)। जिसे घर या जमीन खरीदने से पहले सत्यापित किया जाना चाहिए। इस डॉक्यूमेंट के होने पर संपत्ति के मालिकाना ट्रांसफर, विभाजन, रूपांतरण, उत्परिवर्तन आदि के संबंध में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही जिस भूमि पर मकान या फ्लैट बना है वह कानूनी रूप से खरीदी गई है, यह जांच लें। इन दस्‍तावेजों  के बारे में आप किसी वकील से कनसर्न कर सकते हैं।इसके बाद ही प्रोपर्टी में इन्वेस्ट करें।

यहां से कर सकते हैं लोन से जुड़े दस्‍तावेजों की जांच-पड़ताल –

इसके अलावा जब भी कभी संपत्ति खरीदें तो यह जरूर जांच लें कि उस प्रोपर्टी पर किसी बैंक का कर्ज बकाया तो नहीं है। क्योंकि फ्यूचर में आपके लिए मुसीबत बन सकता है, साथ ही नगर निगम की टैक्‍स देनदारी की भी पड़ताल कर लेनी चाहिए। अगर आपको प्रोपर्टी से जुड़ी ये जानकारियां चाहिए तो आप ये सब जानकारी सब रजिस्‍ट्रार ऑफिस से प्राप्‍त कर सकते हैं। यहां पर आपको प्रोपर्टी के 30 साल का इतिहास पता चल जाएगा।

क्या काम आता है कमेंसमेंट सर्टिफिकेट-

कमेंसमेंट कंस्ट्रक्शन (commencement certificate) एक ऐसा दस्तावेज है जो रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की वैधता को प्रमाणित करता है। इसे क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के रूप में भी जाना जाता है। जब आप किसी डेवलपर से निर्माणाधीन संपत्ति खरीद रहे हों तो ये दस्तावेज बेहद जरूरी है। यह किसी बिल्डर का फ्लैट, जमीन या मकान हो सकता है। इस सर्टिफिकेट में स्थानीय अधिकारियों से आवश्यक मंजूरी, लाइसेंस और अनुमति मिलने के बाद ही  प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की अनुमति मिलती है यह दस्तावेज निर्माण शुरू होने के प्रमाण होते हैं।

लेआउट के फायदे-

लेआउट को लेकर प्रोपर्टी(Layout ke  advantages) खरीददारों को कुछ जरुरी जानकारी जुटानी चाहिए। बता दें कि लेआउट योजनाओं को उपयुक्त योजना अधिकारियों की ओर से पास किया जाता है। इसको लेकर कुछ सावधानी बरतनी चाहिए,क्‍योंकि डेवलपर्स अतिरिक्त मंजिलों को जोड़कर या खुले क्षेत्रों को कम करके पास किए गए लेआउट से अलग निर्माण करा लेते हैं। जिससे की संपत्ति खरीदने वाले भविष्य में संपत्ति पर विवाद या सरकारी पेंच फंस सकते हैं।

कब्जा या ओसी प्रमाणपत्र भी है जरूरी-

ऑक्‍यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC certificate kaise ayega kaam)बेहद जरुरी होता है। यह सर्टिफिकेट के प्रोजेक्‍ट का निर्माण पूरा होने के बाद ही स्‍थानीय अधिकारियों द्वारा जारी किया जाता है। इससे यह प्रूफ हो जाता है कि जिस संपत्ति का निर्माण हुआ है वह किसी भी तरह के कानूनी नियम का उल्‍लंघन नहीं करती। इस दस्तावेज के तहत पानी, सीवेज और बिजली कनेक्‍शन से जुड़ी जानकारियां भी मिल जाती हैं।

Punjab, Ludhiana, Jalandhar, Amritsar, Patiala, Sangrur, Gurdaspur, Pathankot, Hoshiarpur, Tarn Taran, Firozpur, Fatehgarh Sahib, Faridkot, Moga, Bathinda, Rupnagar, Kapurthala, Badnala, Ambala,Uttar Pradesh, Agra, Bareilly, Banaras, Kashi, Lucknow, Moradabad, Kanpur, Varanasi, Gorakhpur, Bihar, Muzaffarpur, East Champaran, Kanpur, Darbhanga, Samastipur, Nalanda, Patna, Muzaffarpur, Jehanabad, Patna, Nalanda, Araria, Arwal, Aurangabad, Katihar, Kishanganj, Kaimur, Khagaria, Gaya, Gopalganj, Jamui, Jehanabad, Nawada, West Champaran, Purnia, East Champaran, Buxar, Banka, Begusarai, Bhagalpur, Bhojpur, Madhubani, Madhepura, Munger, Rohtas, Lakhisarai, Vaishali, Sheohar, Sheikhpura, Samastipur, Saharsa, Saran, Sitamarhi, Siwan, Supaul,Gujarat, Ahmedabad, Vadodara, Surat, Rajkot, Vadodara, Junagadh, Anand, Jamnagar, Gir Somnath, Mehsana, Kutch, Sabarkantha, Amreli, Kheda, Rajkot, Bhavnagar, Aravalli, Dahod, Banaskantha, Gandhinagar, Bhavnagar, Jamnagar, Valsad, Bharuch , Mahisagar, Patan, Gandhinagar, Navsari, Porbandar, Narmada, Surendranagar, Chhota Udaipur, Tapi, Morbi, Botad, Dang, Rajasthan, Jaipur, Alwar, Udaipur, Kota, Jodhpur, Jaisalmer, Sikar, Jhunjhunu, Sri Ganganagar, Barmer, Hanumangarh, Ajmer, Pali, Bharatpur, Bikaner, Churu, Chittorgarh, Rajsamand, Nagaur, Bhilwara, Tonk, Dausa, Dungarpur, Jhalawar, Banswara, Pratapgarh, Sirohi, Bundi, Baran, Sawai Madhopur, Karauli, Dholpur, Jalore,Haryana, Gurugram, Faridabad, Sonipat, Hisar, Ambala, Karnal, Panipat, Rohtak, Rewari, Panchkula, Kurukshetra, Yamunanagar, Sirsa, Mahendragarh, Bhiwani, Jhajjar, Palwal, Fatehabad, Kaithal, Jind, Nuh, बिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, कानपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा, पटना, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पटना, नालंदा, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, कैमूर, खगड़िया, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बक्सर, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, शिवहर, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सारण सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, बिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, कानपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा, पटना, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पटना, नालंदा, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, कैमूर, खगड़िया, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बक्सर, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, शिवहर, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सारण सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल,

Similar Posts