Daughter's Property Right : शादीशुदा महिला का अपने पिता और उनकी पैतकृ संपत्ति में कितना होता है हक, जानकारों ने कहीं ये बात
My job alarm – (Property Knowledge) भारत में ज्यादातर विवाद प्रोपर्टी को लेकर चलते है। खासकर बेटियों को उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है। कुछ लोग ऐसा जानकारी के अभाव में करते है तो कुछ जानबूझकर। लेकिन संपत्ति में हिस्सेदारी को लेकर विवाद होते ही रहते हैं। ज्यादा विवाद (property dispute cases) तो तब उत्पनन होते है जब किसी शख्स की बिना वसीयत लिखे मौत हो जाए और उसके कानूनी उत्तराधिकारियों में संपत्ति के बंटवारे (Division of property among legal heirs) को लेकर विवाद शुरू हो जाता है। इसके बाद भी कभी रिश्तेदार किसी को वाजिब हिस्सा देने में आनाकानी करते हैं तो कभी जागरूकता के अभाव में लोग अपने हक पर दावा नहीं ठोक पाते हैं।
अब आप ये सोच रहे होंगे कि अगर ऐसी स्थिति आप पर भी आ जाए तो क्या करना चाहिए? आइए इस संबंधित चीजों को आप संपत्ति विवाद (property dispute) से जुड़े कुछ चुनिंदा सवाल और उस पर एक्सपर्ट के जवाब से जानिए…
सवाल
मैं पिछले तीन सालों से तलाकशुदा हूं और मैंने दोबारा शादी नहीं की है। मेरा एक 7 साल का बेटा है। क्या उसका मेरे पति की पैतृक संपत्ति (right in ancestral property) में कोई अधिकार होगा? (शिल्पी)
जवाब
आपके बेटे को आपके पूर्व पति की पैतृक संपत्ति पर जन्मजात अधिकार (Right on husband’s ancestral property) है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप तलाकशुदा हैं या आपके पति ने दूसरी शादी कर ली है और उस शादी से भी उनके बच्चे हैं।
सवाल
एक महिला का ये सवाल है कि मैं एक 32 साल की विवाहित महिला हूं। क्या अगर मेरे पिता की बिना वसीयत लिखे मृत्यु हो जाती है तो उनकी स्वअर्जित और पैतृक संपत्तियों में मेरा भी अधिकार (Rights in self-acquired and ancestral properties) होगा? (एस. सक्सेना)
जवाब
इसके जवाब में एक्सपर्ट ने बताया है कि हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) कानून, 2005 के (Hindu Succession (Amendment) Law) अनुसार , एक बेटी को पिता की स्वअर्जित संपत्ति में ठीक वहीं अधिकार है जो बेटे का है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि बेटी विवाहित है या अविवाहित। ऐसे में अगर आपके पिता की बिना वसीयत लिखे मौत (what happen when father’s died without writing a will) होती है तो उनकी स्वअर्जित संपत्ति में आपका भी उतना ही अधिकार है जितना प्रथम श्रेणी के सभी कानूनी उत्तराधिकारियों की। लेकिन अगर उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी का किसी अन्य के नाम वसीयत करना चुनते हैं तो आप उसमें अपना दावा नहीं कर सकतीं। हां, क्लास 1 उत्तराधिकारी होने की वजह स आप वसीयत को चुनौती जरूर दे सकती हैं। जहां तक पैतृक संपत्ति (ancestral property rules) की बात है तो उस पर आपका जन्म से ही अधिकार है।
सवाल
बिना वसीयत लिखे मौत हो जाने की स्थिति को लेकर ये सवाल है कि मेरी मां के 3 भाई और 1 बहन हैं। मेरे नाना की हाल ही में मौत हो गई और उन्होंने कोई वसीयत भी नहीं लिखी थी। उन्होंने अपने पीछे दो स्व-अर्जित संपत्तियां (self acquired properties) छोड़ी हैं। अब मेरे मामा कह रहे हैं कि इन संपत्तियों में उनकी बहनों का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उनकी शाद में पर्याप्त दहेज दिया गया था। क्या मेरी मां और मौसी के इन संपत्तियों में कोई अधिकार हैं? (तपन एस.)
जवाब
संपत्ति के जानकारों का कहना है कि अगर आपके नाना की मौत बिना वसीयत लिखे हुई है और प्रॉपर्टी स्वअर्जित है तो क्लास 1 के सभी कानूनी उत्तराधिकारियों की उन संपत्तियों पर बराबर हिस्सेदारी होगी। चूंकि आपकी मां और मौसी क्लास 1 उत्तराधिकारी हैं इसलिए दोनों इन संपत्तियों पर अपना दावा कर सकती हैं। उनकी वैवाहिक स्थिति या दहेज दिए जाने का इन संपत्तियों पर उनके कानूनी अधिकार (legal rights on properties) पर कोई असर नहीं पड़ता।
सवाल
मैं 76 साल का हूं और मेरी 2 स्वअर्जित संपत्तियां हैं जिनमें से एक सेल्फ-ऑकुपाइड है। मेरे दो बच्चें हैं जो आर्थिक तौर पर स्वतंत्र हैं और उनके अपने-अपने घर हैं। हालांकि, मैं अपनी एक प्रॉपर्टी अपने दोनों बेटों को देना चाहता हूं। क्या मैं इसके लिए वसीयत का सहारा लूं या प्रॉपर्टी ट्रांसफर (property transfer rules in India) के लिए गिफ्ट डीड करूं? (विमल गुप्ता)
जवाब
अगर आप चाहते हैं कि आपकी मौत के बाद प्रॉपर्टी ट्रांसफर (property transfer) हो तो आप वसीयत लिख सकते हैं जिसमें संबंधित प्रॉपर्टी का पूरा ब्यौरा और किन-किन को मिलेगा, इसका स्पष्ट जिक्र हो। आपको अपनी वसीयत को पंजीकृत भी कराना चाहिए ताकि वह ज्यादा विश्वसनीय हो और बिना किसी विवाद के आसानी से प्रॉपर्टी का ट्रांसफर हो जाए। लेकिन अगर आप अपने जीते जी तुरंत प्रॉप्रटी को ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए गिफ्ट डीड (property gift deed) करना चाहिए। अगर कोई संपत्ति सेल्फ-ऑकुपाइड हो तो उसका ट्रांसफर वसीयत के जरिए करना ठीक रहेगा ताकि जब तक आप जिंदा रहें, उस पर आपका पूरा कंट्रोल हो।
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