नितिन गडकरी ने बताया Petrol बिल कम करने का फॉर्मूला, दस हजार के बजाय खर्च होंगे सिर्फ 4 हजार

My job alarm – (Nitin Gadkari) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि भारत में बायोमास से सीएनजी (CNG from Biomass) बनाने के लिए 400 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, जिसमें CNG का उपयोग पेट्रोल की तुलना में 60 प्रतिशत सस्ता है। सीएनजी का प्रदूषण स्तर भी पेट्रोल (petrol) से कम है, जिससे काफी पैसे की बचत होती है। उदाहरण के तौर पर, यदि मोटरसाइकिल (Motorcycle) का पेट्रोल खर्च 10 हजार रुपये है, तो सीएनजी का खर्च सिर्फ 4000 से 4500 रुपये होगा। यह बचत आम लोगों के लिए फायदेमंद है और साथ ही किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। किसान जो वेस्ट पदार्थ जलाते हैं (farmers who burn waste), उन्हें उसका उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। 

कैसे होता है इसका उत्पादन-

CNG बनाने की प्रक्रिया में, जैविक पदार्थों (organic matter) का उपयोग किया जाता है। 5 टन चावल के तट से 1 टन CNG और 15 टन नैपियर घास से 1 टन CNG उत्पन्न किया जाता है। बांस का उपयोग भी CNG उत्पादन में किया जा रहा है। यह प्रक्रिया किसानों द्वारा संचालित होगी, जो पारंपरिक फसलें उगाते हैं। बायो-CNG उत्पादन के बाद, अवशिष्ट पदार्थों से लिग्निन तैयार किया जाएगा, जिसे प्यूरीफाई कर बिटुमिन में परिवर्तित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लिग्निन की बाजार कीमत 30 से 35 रुपये प्रति किलो है। CNG उत्पादन के बाद प्राप्त लिग्निन को ऑयल कंपनियों को बेचकर किसानों की आय में वृद्धि होगी। 

2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये का होगा भारतीय ईवी बाजार-

हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने बताया कि भारत का इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जिससे लगभग 5 करोड़ नौकरियों का सृजन होगा। उन्होंने ये बयान 8वें ‘कैटलिस्ट कॉन्फ्रेंस-ईवी एक्सपो-2024’ में दिया। गडकरी के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्तपोषण का बाजार भी इसी समय सीमा में करीब 4 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ने की संभावना है। 

उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार (Indian electric vehicle market) की क्षमता 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये होगी जिससे संपूर्ण ईवी परिवेश में पांच करोड़ नौकरियों का सृजन होगा।’’ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि भारत में 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण (air pollution) के लिए परिवहन क्षेत्र जिम्मेदार है। गडकरी ने कहा, ‘‘ हम 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात करते हैं, जो एक बड़ी आर्थिक चुनौती है. जीवाश्म ईंधन का यह आयात हमारे देश में कई समस्याएं उत्पन्न कर रहा है।’

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