property knowledge: दुसरे शहर में फ्लैट लेने से पहले जरूर जान लें बातें, वरना हो जाएगें ठगी के शिकार

My job alarm – (Property Guide) अपनी नौकरी पेशे के चलते अक्सर लोगों को शहर बदलना पडता हैं। लेकिन दुसरे शहर में रहना आसान भी नहीं होता। दुसरे शहर में रहने के लिए फ्लैट या कोई मकान भी लेना होता हैं जिसके चलते आदमी आसानी से अनजान बिल्डर या मकानमालिकों के झांसे में फंस जाता है। अनजान शहर में फ्लैट (property guide for buying) खरीदते समय आपके साथ कईं तरह की जालसाजी की जा सकती हैं। इसी के चलते आपको कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन खास बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए-

 

अब अगर दिल्ली-एनसीआर जैसे महानगरों में प्रॉपर्टी लेने की बात आती हैं तो यह किसी भी आदमी के बहुत बडा चैलेंज साबित हो सकता हैं। इस राजधानी में अनजान बिल्डर और इसके साथ शिफ्ट होने की पजेशन में आदमी कहीं भी धोखा खा सकता हैं। क्योंकि इन कामों की कागजी कार्यवाही में बहुत लंबा वक्त लगता हैं जिससे (how to avoid dispute in property) कि फर्जीवाडे की आंशका और बढ जाती हैं। ऐसी जगहों पर आपको सर्तकता बरतने की बेहद जरूरत हैं। जरा सी लापरवाही आपको बुरी तरह फंसा सकती हैं। ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए आपको फ्लैट बुक कराने से पहले 5 चीजें जरूर देखनी चाहिए.

 

 

ऐसा ही मामला ग्रेटर फरीदाबाद की पुलिस के सामने भी आया था जहां बिल्‍डर्स ने पहले से बेचे हुए फ्लैट की बुकिंग कर ली और फिर हेराफेरी से पैसा व फ्लैट दोनों देने से इनकार कर दिया। जिसके चलते धोखाधडी का शिकार हुआ व्यक्ति अब पुलिस के चक्कर काट रहा हैं। यह हेराफेरी आवासीय या कृषि (how to buy property) या फिर व्यावसायिक किसी भी तरह की संपत्ति खरीदते समय हो सकती हैं। इसी के चलते एक्सपर्टस बताते हैं कि आपको फ्लैट या कोई भी संपत्ति बुक कराने से पहले किन दस्‍तावेजों को देखना चाहिए, जिससे भविष्‍य में परेशानियों का सामना ना करना पडे।

 
प्रॉपर्टी के असली पेपर की जांच- 
किसी भी जमीन के असली मालिक की पहचान उस प्रॉपर्टी की वसीयत से ही कि जा सकती हैं। लिहाजा मालिक से प्रॉपर्टी के असली कागजों की मांग करना बेहद जरूरी हैं। उस जगह की बुकिंग करने के बाद आप उस वसीयत की फोटोकॉपी (photocopy of Will) की मांग भी कर सकते हैं। इन कागजात में सेल डीड (sale deed in documents), सेल की चेन अर्थात उस संपत्ति को पूर्व में कितनी बार बेचा गया और किसने खरीदा, टाइटल, लैंड यूज (Land use), पूर्व में की गई पेमेंट की मूल रसीदें, कब्जा यानी पजेशन सर्टिफिकेट (Will Possession Certificate) शामिल होते हैं. इन कागजात की परख के लिए आप किसी वकील या फिर इस क्षेत्र से जुड़े किसी अन्य प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं।

 

टाइटल की जांच करें –
संपत्ति की खरीद-फरोख्त में टाइटल का अर्थ उसके स्वामी यानी मालिक से होता है. साथ ही उस संपत्ति को बेचने का अधिकार (Right To Sell Property) भी उसे ही मिलता है. यहां देखने वाली बात यह है कि संपत्ति का मालिक (Property Owner) जिस टाइटल पर अपना दावा कर रहा है या जिस संपत्ति पर अपना स्वामित्व बता रहा है, उसे उस संपत्ति का स्वामित्व किस तरह मिला है. क्या उस व्यक्ति ने वह संपत्ति अपने खुद के पैसों से खरीदी है? क्या वह उस संपत्ति का को-ऑनर है या फिर उसे वह संपत्ति अपने पूर्वजों के जरिये वसीयत, उपहार स्वरूप या फिर अन्‍य किसी जरिये मिली है. टाइटल की जांच आप संबंधित क्षेत्र के सब-रजिस्‍ट्रार ऑफिस से कर सकते हैं. अगर टाइटल यानी स्‍वामित्‍व पूरी तरह सही है तभी निवेश करें और जरा भी शंका होने पर ऐसी प्रॉपर्टी में पैसे न लगाएं।

विक्रेता के बारे में पुरी जानकारी-
संपत्ति खरीदने से पहले पूरी जानकारी हासिल करना बेहद जरूरी है। इसके लिए आपने यदि संपत्ति का स्‍वामित्‍व चेक (property ownership check) करने के बाद उसे बेचने वाले की जानकारी भी आपको जुटानी है । आपको उससे सीधे ये जरूर  पूछना है कि क्‍या इस संपत्ति पर कोई दूसरा को-ऑनर (co-owner of property) तो नहीं है। अगर यह प्रॉपर्टी सह या फिर संयुक्त स्वामित्व वाली हो या किसी ट्रस्ट अथवा पार्टनरशिप फर्म के नाम पर उसका स्वामित्व हो तो उस स्थिति में आपको ट्रस्ट या फर्म के सभी सदस्यों की सहमति लेनी होगी। इसके अलावा आप यह भी जरूर जान लें कि किसी मानसिक तौर पर बीमार व्यक्ति से तो प्रॉपर्टी नहीं खरीद (property purchase rules) रहे, क्‍योंकि ऐसा सौदा आपको आगे चलकर कई झंझटों में फंसा सकता है। लिहाजा मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति से ही प्रॉपर्टी खरीदने का सौदा करें। ताकि आगे आने वाली मुश्किलों से बचा जा सके। 

सेल डीड तैयार कराते वक्त बरते सावधानी
अगर आप विक्रेता संबंधी सारी जानकारी से संतुष्ट हो गए है तो दस्तावेज और विक्रेता की जांच-परख (Document and seller due diligence) के बाद आती है सेल डीड की बारी। सेल डीड दस्तावेज से आपको ये पता चलता है कि विक्रेता के जरिये किन शर्तों और किस दाम पर आप उस संपत्ति को खरीदेंगे। सेल डीड (sale deed)  दस्तावेज में संपत्ति के आकार और उपयोग जैसी चीजों का जिक्र भी किया जाता है। इस दस्तावेज को बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह दस्तावेज एक पक्षीय न हो, साथ ही उसमें यह लिखवाना न भूलें कि संपत्ति खरीदने (property buying tips) के बाद भी यदि संपत्ति खरीदे जाने के पहले किसी तरह का कोई बकाया है, उसकी जिम्‍मेदारी विक्रेता की होगी। कई बार बिजली, पानी, टेलीफोन या गैस के बिल पेंडिंग होते हैं या फिर प्रॉपर्टी टैक्‍स (property tax) आदि बकाया रह जाता है।

बिक्री चेन पर डालें नजर
अब जाहिर सी बात है कि आप प्रोपर्टी खरीद रहे है तो आपको ये तो जरूर देखना ही है कि पहले यानि कि पूर्व में वह संपत्ति कितनी बार बिकी है और उसका स्वामित्व किन लोगों के पास कितने समय तक के लिए रहा है। आपको बता दे कि संपत्ति के क्रय—विक्रय के पूर्व के कागजात (check pre-purchase documents) से उसकी जानकारी मिल जाएगी। बेहतर यही होगा कि कब और कितने समय के लिए वह संपत्ति किसके पास रही, उसकी चेन आप जरूर मिला लें। पिछले रिकॉर्ड से ही आपको ये पता चलेगा कि प्रोपटी विवादित (dispute property rules) है या नही।

पजेशन सर्टिफिकेट और वेरीफिकेशन अनिवार्य –
सारी कार्यवाही होने के बाद अब जब आखिर में पेमंट करने की बारी है तो प्रोपर्टी की खरीद के लिए अंतिम रकम (Final amount for purchase of property) देने से पहले आपको यह भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस संपत्ति पर उसी व्यक्ति का पजेशन यानी कब्जा है, जिससे आप खरीद रहे हैं। सबसे जरूरी बात जो कि आपको जरूर ध्यान रखनी है कि अगर उस संपत्ति में कोई किरायेदार रह रहा हो तो अपने नाम पर रजिस्ट्री (registry of property) करवाने से पहले ही आप विक्रेता से संपत्ति खाली कराने को कहें। पेमेंट से पहले ये भी पक्का कर लें कि संपत्ति खाली हो चुकी है और विक्रेता के कब्जे में संपत्ति आ चुकी है। जैसे ही रजिस्ट्री हो जाय संपत्ति को आप अपने कब्जे में ले लें और अपना ताला भी उस पर लगा दें। 

अखबारों में  विज्ञापन जरूर छपवाएं –
अंत में एक आखिरी जरूरी बात बता दें कि प्रोपर्टी खरीदने से पहले आपको राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर के 2-2 दैनिक समाचार पत्रों में यह विज्ञापन भी प्रकाशित करवा देना (Must get advertisements published in newspapers) चाहिए हैं कि आप वह संपत्ति खरीदने (property news) जा रहे हैं और अगर किसी व्यक्ति को आपत्ति हो या उसे लेकर उसका कोई दावा करना हो तो वह आपसे संपर्क कर सकता है। ऐसा करने से भविष्य में आपका कानूनी पक्ष मजबूत रहेगा। आप किसी भी होने वाले विवाद में अपना पक्ष सुरक्षित कर लेंगे। इससे आपकी काफी सहायता होगी।

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