Property Rights: मालिक की मौत के बाद संपत्ति पर किसका होगा अधिकार? जानिए हर सवाल के जवाब
My job alarm – (Right on Property) आजकल भारत में प्रॉपर्टी विवाद के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर जमीनों और संपत्तियों से जुड़े मामलों में। संपत्ति विवाद खासतौर पर उस समय सामने आते हैं जब परिवार के सदस्य, विशेषकर बेटियां, अपने हक को लेकर जागरूक होती हैं और संपत्ति में अपनी हिस्सेदारी का दावा करती हैं। इसी के चलते (parents right on property) ऐसे मामलों में फैसले बहुत सोच समझ कर लिए जाते हैं। लेकिन बता दें कि प्रॉपर्टी के मामले में फ्यूचर प्लैनिंग बहुत हद तक इन जवाबों पर निर्भर होती है। ऐसे में वेल्थ एक्सपर्ट्स से जानते हैं प्रॉपर्टी से जुडे सारे सवालों के जवाब-
1. पहला सवाल:- यह हैं कि मेरे भाई ने एक प्रॉपर्टी खरीदी जिसमें उन्होंने मां को नॉमिनी बनाया। उनकी मौत हो गई है और कोई वसीयत भी नहीं है। क्या उनकी पत्नी को संपत्ति में हिस्सा मिलेगा?
जवाब:- प्रॉपर्टी एक्सपर्ट्स के अनुसार नॉमिनी केवल केयर टेकर और ट्रस्टी की तरह होता है। यानी उसके पास कोई मालिकाना हक नहीं होते हैं। अगर मालिक की मौत हो जाती है तो नॉमिनी को उसकी संपत्ति (widow rights on property) कानूनी मालिक को ट्रांसफर करनी होगी। हिन्दू सक्शेसन ऐक्ट के सेक्शन 10 के मुताबिक, मालिक की मौत हो जाने पर संपत्ति का बंटवारा सभी कानूनी उत्तराधिकारी के बीच होता है और इसमें विधवा भी शामिल होती हैं और उनका बराबर का अधिकार होता है। अगर मालिक अपने पीछे विधवा और लिनियल डिसेंडेंट को छोड़ जाता है तो विधवा का अधिकार एक तिहाई संपत्ति पर होता है। अगर लिनियल डिसेंडेंट नहीं है, लेकिन कोई नजदीकी है तो उसका भी आधा हक होता है। उस संपत्ति पर मां का भी आधा हिस्सा होगा।
2. दुसरा सवाल:- पिछले दिनों मेरे भाई की मौत हो गई और उनके बच्चे नहीं हैं। उन्होंने म्यूचुअल फंड और ईपीएफ में मां-बाप को नॉमिनी बनाया है। क्या उनकी विधवा पत्नी का इस पर हक है?
जवाब:- नॉमिनी केवल केयर टेकर होते हैं और उनका सीधा-सीधा कानूनी हक नहीं बनता है। ईपीएफ से जो कुछ मिलेगा उस पर मां-बाप का भी हक होता है। म्यूचुअल फंड में अगर वसीयत के बिना मालिक की (children right on property) मौत हो जाती है तो यह केवल नॉमिनी को पास नहीं नहीं होगा। एमएफ की राशि पर सभी कानूनी उत्तराधिकारी का हक बनता है। इन्वेस्टमेंट में विधवा भी क्लेम कर सकती है।
3. तीसरा सवाल:- मेरे पिता ने कुछ साल पहले मेरे और भाई के नाम पर एक फ्लैट खरीदा था। पिता की मौत के बाद मैंने भाई को पैसे देकर पेपर अपने नाम करवा लिया। हाउसिंग सोसायटी ने भी मेरे नाम का शेयर सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। मैं अपने परिवार के साथ (Property Will Rights) इस फ्लैट में रहता हूं और मेरी दो बेटियां हैं। पूर्वजों की संपत्ति पर हक के नाते उनका 50 फीसदी हिस्सा बनता है। क्या मैं अपने हिस्से का 50 फीसदी किसी एक बेटी को दे सकता हूं?
जवाब:- अगर कानूनी रूप से डीड को जारी किया गया है और इसे रजिस्ट्रेशन ऐक्ट 1908 के सेक्शन 17 के तहत रजिस्टर किया गया है तो आप उस प्रॉपर्टी के असली मालिक हैं। यह आपकी निजी संपत्ति हुई और आप अपना हिस्सा किसी को भी देने के लिए स्वतंत्र हैं।
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