Supreme Court Decision : निजी संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 46 साल पुराना फैसला, सरकार से छीना ये अधिकार

My job alarm – (Private Property Rule) अपनी जिंदगी में हर कोई पाई-पाई जोड़कर प्रोपर्टी के रूप में प्लॉट या जमीन खरीदता है। इस प्रोपर्टी या निजी संपत्ति  को लेकर कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या सरकार इस तरह की संपत्ति का अधिग्रहण (acquisition of private property) कर सकती है? इस सवाल का जवाब आपको सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आपको क्लियर हो जाएगा। प्राइवेट प्रोपर्टी पर सरकार के अधिग्रहण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक मामला लंबित था। इस मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से 46 साल पहले 1978 में दिए गए एक अहम निर्णय को भी पलट दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा अपने फैसले में

निजी संपत्ति का सामुदायिक हितों के लिए सरकार अधिग्रहण (private property acquisition rules) कर सकती है या नहीं? इस पर सुप्रीम कोर्ट की ने बड़ा फैसला सुनाया है। अपने अहम फैसल में कोर्ट ने कहा है कि हर निजी संपत्ति का सरकार कतई अधिग्रहण नहीं कर सकती। इसके लिए सामुदायिक हितों या सार्वजनिक हितों को ध्यान में रखते हुए ही ऐसा किया जा सकता है।

हालांकि सरकार सार्वजनिक हित के मामलों में समीक्षा करके किसी निजी संपत्ति या जमीन का अधिग्रहण कर सकती (kya sarkar niji property par kabja kar skti hai) है। जहां सार्वजनिक हित की बात आती है वहां सरकार किसी भी निजी संपत्ति को अधिग्रहित (acquisition rules of private property) करने पर विचार कर सकती है, लेकिन बिना सार्वजनिक हित के कारण को जाने हर निजी संपत्ति का अधिग्रहण सरकार की ओर से नहीं किया जा सकता।

9 जजों की बैंच ने दिया यह फैसला

दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि हर निजी संपत्ति पर सरकार का कब्जा या अधिग्रहण (private property acquisition decision) नहीं हो सकता। यानी सभी निजी संपत्तियों को सार्वजनिक हित वाली नहीं माना जा सकता और न ही हर निजी संपत्ति को सार्वजनिक हित वाली संपत्ति (niji property par sarkar kab kabja akr skti hai) घोषित किया जा सकता है। इसलिए सरकार हर निजी संपत्ति का अधिग्रहण सार्वजनिक हित न के होने के चलते नहीं कर सकती। संविधान के आर्टिकल 39(b) के आधार (decision about Article 39(b)) पर सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच ने यह फैसला दिया है। 

चीफ जस्टिस भी रहे कोर्ट की बेंच में शामिल 

किसी भी निजी संपत्ति पर सरकार के अधिग्रहण को लेकर फैसले पर मंथन करने वाली 9 जजों की बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief justice of India DY Chandrachud) के अलावा जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस एससी शर्मा और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह आदि भी शामिल रहे। इनमें से 7 ने बहुमत से फैसला दिया कि हर निजी संपत्ति (niji property par sarkar ka kabja) को सामुदायिक हित के लिए सरकार द्वारा किसी सूरत में अधिग्रहित नहीं किया जा सकता। यहां पर बता दें कि बेंच में शामिल बाकी दो जस्टिस की राय अलग थी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की

उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले को सुनाते हुए यह टिप्पणी भी कि है कि सभी निजी संपत्ति भौतिक संसाधन नहीं मानी जा सकती। इसी कारण सरकार अधिग्रहण या कब्जा (private property acquisition rules) नहीं कर सकती। हालांकि लोगों की भलाई के लिए सरकार उन संसाधनों पर दावा कर सकती है जो भौतिक हैं। इसके साथ ही 9 जजों की बेंच में से सात जजों के बहुमत के फैसले में कहा गया कि सरकार द्वारा किसी भी निजी संपत्ति का अधिग्रहण या कब्जा करने के अधिकार (private property acquisition rules in india) की बात का कई साल पहले दिया गया फैसला विशेष आर्थिक व समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय को पलट दिया है।

यह कहा गया था पूर्व के फैसले में, अब पलटा

निजी संपत्ति पर सरकार के अधिग्रहण के अधिकारों (rights of private property acquisition) को लेकर 1978 में दिए न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर के पुराने फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा पलट दिया गया है। पुराने फैसले में कहा गया था कि हर तरह की निजी संपत्ति को सरकार अधिग्रहित कर सकती है। इस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने अपना ही फैसला पलट दिया है। साथ ही यह भी कहा कि कोर्ट ने 1978 (private property acquisition rules in 1978) के बाद के उन फैसलों को पलटा है जिनमें समाजवादी विचारधारा को प्रमुखता दी गई थी। सरकार आम लोगों के हितों के लिए सभी निजी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले सकती है, लेकिन ऐसा न होने पर वह हर निजी संपत्ति को अपने कब्जे में नहीं ले सकती और न ही अधिग्रहण कर सकती।

Punjab, Ludhiana, Jalandhar, Amritsar, Patiala, Sangrur, Gurdaspur, Pathankot, Hoshiarpur, Tarn Taran, Firozpur, Fatehgarh Sahib, Faridkot, Moga, Bathinda, Rupnagar, Kapurthala, Badnala, Ambala,Uttar Pradesh, Agra, Bareilly, Banaras, Kashi, Lucknow, Moradabad, Kanpur, Varanasi, Gorakhpur, Bihar, Muzaffarpur, East Champaran, Kanpur, Darbhanga, Samastipur, Nalanda, Patna, Muzaffarpur, Jehanabad, Patna, Nalanda, Araria, Arwal, Aurangabad, Katihar, Kishanganj, Kaimur, Khagaria, Gaya, Gopalganj, Jamui, Jehanabad, Nawada, West Champaran, Purnia, East Champaran, Buxar, Banka, Begusarai, Bhagalpur, Bhojpur, Madhubani, Madhepura, Munger, Rohtas, Lakhisarai, Vaishali, Sheohar, Sheikhpura, Samastipur, Saharsa, Saran, Sitamarhi, Siwan, Supaul,Gujarat, Ahmedabad, Vadodara, Surat, Rajkot, Vadodara, Junagadh, Anand, Jamnagar, Gir Somnath, Mehsana, Kutch, Sabarkantha, Amreli, Kheda, Rajkot, Bhavnagar, Aravalli, Dahod, Banaskantha, Gandhinagar, Bhavnagar, Jamnagar, Valsad, Bharuch , Mahisagar, Patan, Gandhinagar, Navsari, Porbandar, Narmada, Surendranagar, Chhota Udaipur, Tapi, Morbi, Botad, Dang, Rajasthan, Jaipur, Alwar, Udaipur, Kota, Jodhpur, Jaisalmer, Sikar, Jhunjhunu, Sri Ganganagar, Barmer, Hanumangarh, Ajmer, Pali, Bharatpur, Bikaner, Churu, Chittorgarh, Rajsamand, Nagaur, Bhilwara, Tonk, Dausa, Dungarpur, Jhalawar, Banswara, Pratapgarh, Sirohi, Bundi, Baran, Sawai Madhopur, Karauli, Dholpur, Jalore,Haryana, Gurugram, Faridabad, Sonipat, Hisar, Ambala, Karnal, Panipat, Rohtak, Rewari, Panchkula, Kurukshetra, Yamunanagar, Sirsa, Mahendragarh, Bhiwani, Jhajjar, Palwal, Fatehabad, Kaithal, Jind, Nuh, बिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, कानपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा, पटना, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पटना, नालंदा, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, कैमूर, खगड़िया, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बक्सर, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, शिवहर, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सारण सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, बिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, कानपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा, पटना, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पटना, नालंदा, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, कैमूर, खगड़िया, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बक्सर, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, शिवहर, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सारण सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल,

Similar Posts