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पिंडदानियों को हर प्रकार की सुविधा मिले इसका रखें विशेष ध्यानः CM

  • अक्टूबर से हर घर पहुंचेगा गंगा का पानी, देवघाट से सीता कुंड की दूरी घटी
  • सीएम ने रबर डैम का किया निरीक्षण, सीएम ने भगवान विष्णु का लिया आशीर्वाद

HI BIHAR DESK : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को भगवान विष्णु की नगरी गयाजी पहुंचकर पितृपक्ष मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थलों एवं रबर डैम का भ्रमण कर जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से पितृपक्ष मेला अवधि में एवं साल भर तीर्थयात्रियों के लिये फल्गु नदी में जल की उपलब्धता रहेगी। मुख्यमंत्री ने सीता-कुंड का निरीक्षण करते हुये अधिकारियों को निर्देश दिया कि रबड़ डैम से सीता कुंड को कनेक्ट करने के लिए मार्ग का निर्माण कराएं। मुख्यमंत्री ने सीता कुंड में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने अक्षय वट एवं ब्रह्मसरोवर का निरीक्षण किया।

भ्रमण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में पितृपक्ष मेला की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डॉ० त्याग राजन एस०एम० ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पितृपक्ष मेला की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन 09 सितंबर से 25 सितंबर तक निर्धारित है। उन्होंने बताया कि पितृपक्ष मेले से संबंधित 55 पिंडवेदी हैं। इनमें सभी महत्वपूर्ण घाटों पर सभी प्रकार की तैयारियां की गयी हैं। कार्य समितियों का गठन कर पदाधिकारियों को बेहतर व्यवस्था के संचालन की जिम्मेवारी दी गयी है।

डीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश एवं पहल पर फल्गू नदी में निरंतर जलस्तर संधारण हेतु रबड़ डैम का निर्माण किया गया है। इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी । रबड़ डैम के ऊपर स्टील ब्रिज का निर्माण किया गया है जिससे सीता कुंड एवं देवघाट की दूरी 03 किलोमीटर से घटकर 1.2 किलोमीटर रह गयी है, इससे तीर्थ यात्रियों को काफी सहूलियत होगी।डीएम ने पितृपक्ष मेले के दौरान आवास साफ-सफाई, जल आपूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य, विद्युत व्यवस्था, यातायात सुविधा एवं विधि-व्यवस्था को लेकर की जा रही तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पितृपक्ष मेले के संबंध में सभी तरह की सूचना उपलब्ध हो सके, इसके लिए पिंडदान गया मोबाइल ऐप विकसित किया गया है।

समीक्षा के दौरान नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने बताया कि गया में गंगा का जल शुद्ध पेयजल के रूप में हर घर तक अक्टूबर माह से मिल जाएगा।

समीक्षात्मक बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पितृपक्ष मेले में देश के कोने-कोने एवं विदेशों से तीर्थयात्री बड़ी संख्या में श्रद्धाभाव से अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने गया की मोक्षभूमि आते हैं। पितृपक्ष मेले की महत्ता को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर व्यापक एवं बेहतर तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि मैं इस बात को नहीं भूल सकता हूं कि एक बार मुझे एक महिला श्रद्धालु ने बताया था कि यहां पिंडदानियों को काफी दिक्कत होती है। जब से हमें काम करने का मौका मिला, हमने पिंडदानियों की सुविधाओं को लेकर हमेशा कई काम किए। हर वर्ष पितृपक्ष मेले की तैयारियों का जायजा लेने आते हैं और श्रद्धालुओं की हर प्रकार की सुविधाएं सुनिश्चित की जाती हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा मिलनी चाहिए। उनके आवासन की भी बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए घाट, मंदिर, वेदी, तालाब एवं पूरे शहर की साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था रखें। बिजली की निर्बाध आपूर्ति रखें। जो पशु शहर के अंदर विचरण कर रहे हैं उन्हें गौशाला में रखने की व्यवस्था करें। सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरतें। असामाजिक तत्वों पर भी विशेष नजर रखें। वृद्ध एवं दिव्यांगजनों के आवागमन की विशेष सुविधा रखें। श्रद्धालुओं के भोजन की शुद्धता का ख्याल रखे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गया सिर्फ राज्य ही नहीं पूरे देश और दुनिया के लिए ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल है। गया शहर को सभी लोग “गया जी के नाम से संबोधित करते हैं। गया शहर की विभिन्न शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी की गयी है ताकि लोगों को यहां आवागमन में सहूलियत हो । उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मेले से अच्छे अनुभव लेकर लोग जायेंगे तो बाहर प्रशंसा करेंगे, इससे राज्य का नाम रौशन होगा और हम सभी को आत्मसंतुष्टि मिलेगी। 

समीक्षा बैठक में गया जिले के प्रभारी मंत्री श्री मो० इसराईल मंसूरी, पर्यटन मंत्री कुमार सर्वजीत, सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, सांसद विजय मांझी सहित अन्य विधायक एवं विधान पार्षदगण सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर शहर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। एयरपोर्ट से लेकर विष्णुपद मंदिर तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। विष्णुपद मंदिर का पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था।जगह-जगह सुरक्षा के मद्देनजर बैरिकेडिंग की गई थी। मुख्यमंत्री के विष्णुपद आगमन को लेकर श्रद्धालुओं और यात्रियों को मंदिर में प्रवेश के लिए मनाही कर दी गई थी। इस बीच मंदिर पहुंचने पर जदयू के वरिष्ठ नेता और धार्मिक न्यास परिषद के सदस्य चंदन कुमार सिंह की अगुवाई में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने पुष्प गुच्छ एवं अंग वस्त्र भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

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